ऑस्ट्रेलिया की एक कंपनी के मीट के विज्ञापन में भगवान गणेश को दिखाने से विवाद हो गया है. वहां के हिंदू समुदाय में इसे लेकर नाराजगी है. उन्होंने विज्ञापन को वापस लेने की मांग की है. इसमें भगवान गणेश और अन्य ईश्वरीय रूपों को मेमने के मांस के उपभोग को बढ़ावा देते हुए दिखाया गया है.
मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक मीट एंड लाइवस्टॉक ऑस्ट्रेलिया (एमएलए) की ओर से जारी विज्ञापन को पहले ही ऑस्ट्रेलियाई मानक ब्यूरो के संज्ञान में लाया जा चुका है. इस विज्ञापन में गणेश के अलावा यीशु, बुद्ध, थॉर को खाने की एक मेज के चारों ओर बैठकर मेमने के मांस पर चर्चा करते हुए देखा जा सकता है.
विज्ञापन में कहा गया है कि 'मेमने के मांस' को हम सभी खा सकते हैं.
'इंडियन सोसाइटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के प्रवक्ता नितिन वशिष्ठ ने विज्ञापन को असंवेदनशील करार दिया.
एबीसी न्यूज के अनुसार वशिष्ठ ने कहा, 'उन्हें मेमने का मांस खाते हुए और अपने लिए नई मार्केटिंग नीति पर विचार करते हुए दिखाया गया है. समुदाय के लिहाज से वह बहुत असंवेदनशील है.' लोगों ने इस विज्ञापन को लेकर सोशल मीडिया पर अपना रोष प्रकट किया.
विवाद के बाद एमएलए समूह के विपणन प्रबंधक एंड्रयू होवी ने कहा कि 'यू नेवर लैंब अलोन' के बैनर तले यह अभियान जारी है. हालांकि, विज्ञापन की टैग लाइन भी काफी विवादित है. इसमें लिखा है, 'द मीट वी कैन ऑल ईट.' यानी वह मीट जिसे हम सभी खा सकते हैं.
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